एक अनोखी पहल – अनिता देवी और उनकी स्थिति में बदलाव
चिन्हित सतत जीविकोपार्जन योजना (SJY) परिवार को ग्राम संगठन, जीविका, मनरेगा के समन्वय से आजीविका संवर्धन एवं सशक्तिकरण
श्रीमती अनिता देवी, पति श्री. अखिलेश प्रसाद, ग्राम हर्दवन, पंचायत घोड़ाघाट के निवासी है | जीविका समूह में जुड़ने से पहले एक सामान्य गृहिणी थी, जिनकी शिक्षा सप्तम वर्ग तक की है | इनके पति खेती और मजदुरी का काम करते हें | मजदूरी के अलावा, इनका परिवार पशुपालन अंतर्गत दो बकरी और एक गाय से अपनी आजीविका हेतु सतत कार्य कर रहे हैं | श्रीमती अनिता कुमारी स्वयं खेती, मजदुरी एवं नजदीक के बाज़ार में सब्जी बेचने का भी कार्य करती हैं | इनका एक 8 वर्ष का बेटा है, जो गाँव के स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहा है |
समूह से जुड़ने के पूर्व परिवार के पास बचत का आभाव था, बैंक में कोई खाता नहीं खुला था, और किसी तरह परिवार का भरण पोषण होता था | आवश्यक एवं जरुरी काम आने पर महाजन से पैसा अधिक ब्याज पर लिया जाता था | जीविका से जुड़ने के पश्चात, अब श्रीमती अनीता देवी नियमित बचत करती है, साथ ही अपने व्यक्तिगत बचत खाते का उपयोग करने हेतु बैंक भी नियमित रूप से जाती हैं I व्यक्तिगत तौर पर, परिवार पहले भी बकरी का पालन करता था, परन्तु बकरी को रखने के लिए कोई अलग से शेड की व्यवस्था नही थी | जिसके कारण सर्दी, गर्मी और बरसात के दिनों में काफी परेशानियो का सामना करना पड़ता था, अक्सर बकरी बीमार हो जाती थी और कभी कभी तो मर भी जाती थी, जिसके कारण आर्थिक नुकशान का सामना करना पड़ता था |
गया के डोभी प्रखंड में जब जीविका द्वारा स्वयं सहायता समूह गठन का कार्य प्रारंभ किया गया तब वर्ष 2009 में अनिता देवी जीविका संपोषित राधा जीविका महिला स्वयं सहायत समूह से जुड़ी | समूह से जुड़कर वें नियमित बैठक में जाती और नियमित रूप से बचत का कार्य करने लगीं, तथा आवश्यकता अनुसार समूह से ऋण लेकर अपनी समस्याओं का समाधान भी किया | समूह से जुड़ने के बाद, वें बकरी पालने के साथ सब्जी की खेती का कार्य करने लगीं और नजदीक के बाज़ार/ हटिया में सब्जी बेचने का कार्य भी प्रारंभ किया; और पति द्वारा मजदुरी के कार्य से परिवार की आय में नियमित रूप से वृद्धि हुयी जिससे कि, वर्तमान में परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी हुयी है |
वर्ष 2020 में सतत जीविकोपार्जन योजना (SJY) के अंतर्गत SJY लाभुक के रूप में श्रीमती अनीता कुमारी का चयन किया गया था | SJY अंतर्गत उनको बकरी पालन से आजीविका संवर्धन और सशक्तिकरण हेतु चिन्हित किया गया था | उनकी आजीविका को और सुरक्षित बनाने हेतु उनके ग्राम संगठन द्वारा मनरेगा के माध्यम से बकरी शेड निर्माण हेतु उनका चयन किया गया, और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जीविका के प्रखंड कार्यालय को आवेदन सहित जमा किये गए | जिनको जीविका प्रखंड कार्यालय द्वारा मनरेगा प्रखंड कार्यालय को शेड निर्माण हेतु उपलब्ध कराया गया | श्रीमती अनीता कुमारी के आवेदन और उनके ग्राम संगठन के अनुशंषा के आधार पर मनरेगा द्वारा बकरी शेड का निर्माण हेतु योजना तैयार कर बकरी शेड का निर्माण किया गया है | इनके योजना का नाम “GRAM HARDWAN ME ANITA DEVI W/O AKHILESH PRASAD (VO SURAJ ) KE NIJI JAMIN ME GOAT SHED NIRMAN और कोड 0507020011/IF/20757010” है |
PCI (टी ए – आर डी डी) टीम के द्वारा सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत चयनित लाभुकों को बकरी शेड निर्माण में मनरेगा के प्रावधान के सम्बन्ध में लगातार जीविका कर्मियों, संकुल संघ, ग्राम संगठन एवं समूह की बैठकों में जानकारी उपलब्ध कराई गई| साथ ही, साथ जागरूकता भी बढ़ाई गई| इच्छुक लाभुकों की सूचि के आधार पर PCI के द्वारा प्रत्येक लाभुक से मिलकर मनरेगा अंतर्गत निर्माण होने वाले बकरी शेड के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई, साथ ही साथ प्रखंड स्तर पर मनरेगा के बैठक में लाभुकों की सूचि पर चर्चा एवं निर्माण के बारे में विमर्श किया गया | जिसके उपरांत मनरेगा प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी के द्वारा बताये गए मार्गदर्शिका के आलोक में सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ जीविका के प्रखंड कार्यालय द्वारा मनरेगा कार्यालय को उपलब्ध कराते हुए जीविका एवं मनरेगा के जिला कार्यालय को भी संचुचित कराया गया | जिसके उपरांत मनरेगा कार्यालय द्वारा उपलब्ध लाभुकों की सूचि एवं दस्तावेजों के आधार पर योजना तैयार कर MIS पर संधारण किया गया।
मनरेगा अंतर्गत सतत जीविकोपार्जन योजना (SJY) के बकरी शेड निर्माण हेतु जीविका द्वारा चयनित लाभुक का बकरी शेड निर्माण किया गया | जिससे बकरी पालन को लेकर लाभुक अनिता देवी का मनोबल बढ़ा है, उनके द्वारा और अधिक बकरी को क्रय कर पालने की इच्छा व्यक्त किया गया है जो की एक सकारात्मक प्रयास एवं सोच को जन्म देता है | श्रीमती अनिता देवी अपने बकरी घर में 8 से 10 बकरियों को सुरक्षित रूप से रख कर अपनी आजीविका से अर्जित आय में चार-गुना वृद्धि करने हेतु तत्पर और सक्षम हैं |
लेखक: श्रीमती सुनीता कुमारी (सी आर पी, टी ए – आर डी डी) और मो0 इजाज़ अहमद (जिला समन्वयक, टी ए – आर डी डी)
सहयोग: ओम प्रकाश (कार्यक्रम प्रबंधक, टी ए – आर डी डी)
संपादक: रोनी क्लाइव फ्रांसिस (प्रबंधक – संचार केएम)