मैं चाहती हूँ

कुछ पल चाहती हूँ, सिर्फ मेरे लिए
कुछ पल जो आज़ाद हों जिम्मेदारियों से, मर्यादाओं से
कुछ पल जिनपर सिर्फ मेरा अधिकार हो, मेरी मर्ज़ी हो
कुछ पल जिनमें दिल खोल कर हस सकूं, जी भर के रो सकूं
कुछ पल जो सही गलत से परे हों, कुछ पल जो सुकून से भरे हों
कुछ पल जिन्हे मैं आज़ादी से जी सकूं
मैं चाहती हूँ कुछ पल जो मेरा अधिकार है
By Gracy Mol Bagh, District Coordinator cum Counsellor, Odisha, PCI India
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